गिरफ्त में रहे
चाहे तो शिकायत, ना चाहे तो दर्द
कब तक इस तरह यूं शिकस्त में रहे
ना पास आते हो खुद, ना दूर जाने देते हो
क्या चाहते हो तुम्हारी गिरफ्त में रहे
– ललित
चाहे तो शिकायत, ना चाहे तो दर्द
कब तक इस तरह यूं शिकस्त में रहे
ना पास आते हो खुद, ना दूर जाने देते हो
क्या चाहते हो तुम्हारी गिरफ्त में रहे
– ललित