गिनती
गिनती
एक था शेर, जंगल का राजा
छैल छबीला, खूब मोटा तगड़ा।
दो हाथी थे उसके दरबान
समझदार और बड़े बलवान ।
तीन उसके मंत्री थे भालू
भोली सूरत पर खूब चालू ।
चार चतुर बन्दर थे उसके दूत
करते रहते हरदम उछलकूद।
पाँच कबूतर करते खोज
नए-नए खबर लाते रोज।
छः चीते थे उसके दोस्त
रोज पकाते ताजा गोस्त।
सात सियार उसके ख़ास
रहते हर पल उसके पास।
आठ तेंदुए थे महाज्ञानी
करने न दें किसी को मनमानी।
नौ गीदड़ थे बड़े बदमाश
वे रहते थे हमेशा उदास।
दस अजगर थे एकदम बेकार
करता न कोई उनका सत्कार।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़