गिद्धों की तरह, मुद्दों पर नजर रखते हैं
गिद्धों की तरह, मुद्दों पर नजर रखते हैं
बाज की तरह, हर मुद्दा झपटते हैं
विपक्षी हैं, विरोध के लिए विरोध करते हैं
संसद में हार गए, सड़कें निरोध करते हैं
वे तो सिर्फ विरोध के लिए, विरोध करते हैं
विरोध के लिए मुद्दे, भड़का आते हैं
वोटों के लिए सहानुभूति पाते हैं
बिना वजह चाहे जब, जाम लगा जाते हैं
राई को पर्वत, पर्वत को राई बता जाते हैं
हाल ही में एनआरसी सीसीए पर भड़काया
अब किसानों को भड़का, रास्ता बंद कराया
कृषि कानून किसान के हित में बताया जा रहा है
सरकार द्वारा बार-बार दोहराया जा रहा है
फिर परेशानी कहां है, समझ नहीं आ रहा है
या केवल विरोध के लिए, मुद्दा बनाया जा रहा है
आजकल आंदोलन भी हाईटेक हो गए हैं
प्रायोजकों द्वारा हाईजैक हो गए हैं
प्रायोजक पैसा संसाधन सब मिल जाता है
आजकल बे मुद्दा ही मुद्दा बन जाता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी