गाय चराने जाते हैं वो
गाय चराने जाते हैं वो,,
मुरली बजाते हैं वो।
नटखट ग्वाल बालों संग,,
माखन चुराते हैं वो।।
वे नटवर नागर हैं।
ये करुण का सागर हैं।।
वो यशोदा नंदन हैं,,
ये वृंदावन का चंदन हैं।
वे हैं बृज-बल्लभ,,
ये बृज का अभिनंदन हैं।।