Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2020 · 1 min read

गाडरवारा जिला बनाने लोकगीत

लोकगीत

ध्यान काहे न देवें अधिकारी ।
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।।
एन टी पी सी से मिटी बेरोजगारी।
सुचारू व्यवस्था है सारी।।

उर्वर भूमि है फसल उगाने।
दस लाख वोटर मनमाने।।
उम्दा दाल,शक्कर कारखाने।
कार्यालय भवनों के लाने।।

भूमि पड़ी है सरकारी ,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे—-

सन अठारह में जिला बने हमारो।
लटका झटका जामे न डारो।।
वानवे में नक्शा स्वीकारो।
आठ में सीमांकन उभारो।।

पूरी जनता ने लयी भागीदारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे—-

शक्कर दुधी और नर्मदा धारा।
भोले मृगननाथ और गाडरवारा।।
अट्ठायसे का बलदाऊ मन्दिर है प्यारा।
सालों पुराना रिछावर का नज़ारा।।

अखण्ड धूनी साईंखेड़ा की न्यारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे—–

गाडरवारा है जिला बनबे लायक।
रेल मार्ग,सड़क सुविधा दायक।।
ओशो,द्विवेदी,वज्र,राठी थे नायक।
नीलकुण्ड ब्रम्हा फलदायक।।

कितनी पावन है भूमि हमारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे——-

तेंदूखेड़ा,साईंखेड़ा,वनखेड़ी तहसीलों से।
तन्नक काम को उदयपुरा से जाएं मीलों से।।
दूर न चाहें जिला अपने कबीलों से।
हम नै फस हैं झूठी दलीलों से।।

कब तक जनता भटक है बेचारी,
जिला सब चाहें बहुमत है भारी।ध्यान काहे——

श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव साईंखेड़ा

Language: Hindi
Tag: गीत
459 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Impossible means :-- I'm possible
Impossible means :-- I'm possible
Naresh Kumar Jangir
*अभिनंदन उनका करें, जो हैं पलटूमार (हास्य कुंडलिया)*
*अभिनंदन उनका करें, जो हैं पलटूमार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हे पिता ! जबसे तुम चले गए ...( पिता दिवस पर विशेष)
हे पिता ! जबसे तुम चले गए ...( पिता दिवस पर विशेष)
ओनिका सेतिया 'अनु '
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
सुखम् दुखम
सुखम् दुखम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रेणुका और जमदग्नि घर,
रेणुका और जमदग्नि घर,
Satish Srijan
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
Mahendra Narayan
In case you are more interested
In case you are more interested
Dhriti Mishra
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
ना होगी खता ऐसी फिर
ना होगी खता ऐसी फिर
gurudeenverma198
नया साल
नया साल
अरशद रसूल बदायूंनी
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
Phool gufran
💐प्रेम कौतुक-383💐
💐प्रेम कौतुक-383💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मोहि मन भावै, स्नेह की बोली,
मोहि मन भावै, स्नेह की बोली,
राकेश चौरसिया
"जानो और मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ते की नियत
रिश्ते की नियत
पूर्वार्थ
माँ नहीं मेरी
माँ नहीं मेरी
Dr fauzia Naseem shad
दर्द-ए-सितम
दर्द-ए-सितम
Dr. Sunita Singh
भगवान बचाए ऐसे लोगों से। जो लूटते हैं रिश्तों के नाम पर।
भगवान बचाए ऐसे लोगों से। जो लूटते हैं रिश्तों के नाम पर।
*Author प्रणय प्रभात*
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
*मर्यादा पुरूषोत्तम राम*
Shashi kala vyas
Loading...