गांव लोहारी जाटू इतिहास
: गांव जाटु लोहारी को 1264 ई. में लुहवा ने बसाया था। राजपूत बाहुल्य इस गांव की आबादी करीब 10 हजार है। गांव में कृषि योग्य भूमि का रकबा करीब दो हजार है। सबसे खास बात यह है कि इस गांव की लड़की बीरमदे साल 1364 में सती हुई थी। उन्हीं की याद में ग्रामीणों ने गांव में बीरमदे मंदिर का निर्माण करवाया था। सभी ग्रामीण इस सती की पूजा करते है। ग्रामीण रणजीत, जगदीश, रूलिया, हरपाल, भीमा, हुकमी, राजबीर आदि ने बताया कि 1264 ई. में राजली बुराना जिला हिसार से लुहवा नाम का व्यक्ति अपने परिवार सहित आया। लुहवा ने ही इस गांव को बसाया था। लुहवा के नाम से ही गांव जाटु लोहारी का नामकरण हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक लुहवा के चार पुत्र थे, जिनमें कपूरा, लूणकरण व राखा सहित एक अन्य पुत्र था। उन्हीं के नाम से गांव में कुछ पानों का नामकरण हुआ है। गांव में आधा दर्जन से अधिक पाना है, जिनमें कुपराण, नुनाण, रखाण, तिराहण, चौहान, पाढ़ा व पटीवार पाना शामिल है। राजपूत बाहुल्य इस गांव में तंवर, चौहान, परमार, राठौड़, निरवाण, शेखावत आदि गौत्र के राजपूत निवास करते है। इसके अलावा ब्राह्मण, खाती, अहीर, जाट व अनुसूचित जाति के भी कुछ घर है।
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सेठ किरोड़ीमल की है जन्मस्थली
गांव जाटु लोहारी में महान दानवीर एवं समाजसेवी सेठ किरोड़ीमल भी जन्मे थे। उन्होंने भिवानी, कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई जैसे शहरों में बड़ी-बड़ी शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करवाया था। आज भी ये संस्थाएं उनके नाम से चल रही है। इनमें हजारों छात्र स्कूली व उच्च शिक्षाएं ग्रहण कर रहे है। ग्रामीणों को सेठ किरोड़ीमल पर गर्व है, क्योंकि सेठ किरोड़ीमल ने ही गांव को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने का कार्य किया। उन्होंने अनेक जनहित के कार्य किए। जो आज भी उनकी याद दिला रहे है।
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बाबा जगन्नाथ के प्रति है गहरी आस्था
ग्रामीणों में बाबा जगन्नाथ के प्रति गहरी आस्था है। ग्रामीणों ने गांव में भव्य बाबा जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया हुआ है और उन्हीं की याद में मंदिर के साथ करीब 7 एकड़ भूमि पर पार्क का निर्माण किया हुआ है। इसी के नजदीक सिढ़ाणा तालाब भी स्थित है। ये तीनों एक साथ होने के कारण गांव के सौंदर्य को चार चांद लगा रहे हैं। इसके अलावा गांव में गंगाराम मंदिर सहित डेढ़ दर्जन मंदिर बने हुए हैं।
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ये है गांव में जोहड़ : गांव में सिगराणा व ब्राह्मण जोहड़ प्रसिद्ध है। इन जोहड़ों में ग्रामीण अपने पालतू पशुओं को पानी पिलाते है और नहलाते भी है। इसके अलावा गांव में अनेक छोटे-छोटे तालाब भी हैं।
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देशभक्ति का जज्बा भरा है कूट-कूटकर : गांव के लोगों में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है। हर तीसरे घर से एक सेना का जवान है। वायु सेना व जल सेना में करीब 10 लेफ्टिनेंट के पर कार्यरत है। युवा शेखर तंवर भी हाल ही में लेफ्टिनेंट चुने गए है। इसके अलावा गांव में 10 कैप्टन व 20 से अधिक सूबेदार भी है। इसके अलावा गांव के केसी शर्मा आइएएस अधिकारी रह चुके है। हालांकि पिछले दिनों उनका निधन हो चुका है। उनके अलावा दिल्ली पुलिस में आइजी के पद पर महाबीर रहे है। इसके अलावा हरियाणा पुलिस में उदयराम डीएसपी के पद पर तैनात है। इसके अलावा एक दर्जन कर्मचारी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में भी कार्यरत हैं।
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युवाओं की फुटबॉल में अच्छी रुचि : गांव में फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी रहे है। यहां के खिलाड़ियों ने संतोष ट्रॉफी खेली है, जो कि फुटबॉल की महत्वपूर्ण ट्रॉफी मानी जाती है। नेपाल ¨सह यहां के होनहार खिलाड़ी रह चुके है।
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समाजसेवा में भी पीछे नहीं है ग्रामीण : गांव जाटु लोहारी के ग्रामीण समाजसेवा में भी पीछे नहीं है। सूबेदार कर्मबीर पिछले 30 वर्षों से बस स्टैंड पर गर्मी माह के दौरान लोगों को नि:शुल्क पेयजल पिलाते है। इसके अलावा यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी नि:शुल्क खाना व शीतल पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है। सूबेदार कर्मबीर के इस कार्य में गांव के अनेक युवा बारी-बारी हाथ भी बंटाते हैं।
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गांव में सुविधाओं की नहीं है कमी : गांव में लड़की व लड़कियों के लिए अलग-अलग राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है। इसके अलावा पशु अस्पताल, सचिवालय, सीएचसी, पटवार खाना, डाकघर, पीएनबी बैंक, जलघर भी स्थापित है।
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ये है ग्रामीणों की मांगें : यहां के ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से तकनीकी शिक्षण संस्था स्थापित किए जाने की मांग की है। इसके अलावा तालु-सिवाड़ा माइनर की टेल तक पर्याप्त नहरी पानी उपलब्ध करवाने की मांग भी की है, ताकि किसानों को ¨सचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकें। इसके अलावा मंढ़ाणा रोड पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला की भी मांग की गई है। इसके अलावा गांव के चहुमुखी विकास के लिए दो पंचायतों का गठन करवाने की भी मांग की है। गांव में स्टेडियम के निर्माण की भी मांग की है, क्योंकि यहां के युवा खेलों में रुचि रखते है।