गांव के घर में।
शायद कोई किस्सा उठा है गांव के घर में।
और मेरा भी हिस्सा लगा है गांव के घर में।।
मैंने सबकुछ छोड़ दिया था बहुत पहले ही।
बटवारे में जलजला उठा है गांव के घर में।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
शायद कोई किस्सा उठा है गांव के घर में।
और मेरा भी हिस्सा लगा है गांव के घर में।।
मैंने सबकुछ छोड़ दिया था बहुत पहले ही।
बटवारे में जलजला उठा है गांव के घर में।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍