Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

“गांव की मिट्टी और पगडंडी”

मिट्टी की सोंधी महक याद आई है,
टेढ़े मेढ़े पगडंडी छोड़कर मैं आयी हूँ,

पलते, बढते और लिखते पढ़ते,
हर जगह गए चलते फिरते।

कितना प्यारा मेरा गांव,
कितना न्यारा अपना गांव।

गंगा जमुना ऐसे मिलती,
जैसे बिछुड़ी बहने मिलती।

तप,यज्ञ,ज्ञान का गंगा तट,
कुटी तीर और गंगा जमुना का तट।

गॉव की चूल्हे की रोटी मन में रहती है,
रोटी की सोंधी महक मन मे बसती है।

गांव में एक मीठी छांव थी,
नीम की एक शीतल छाँव थी।

गांव में एक मीठी शाम रहती थी,
रोज रात में माँ की एक कहानी रहती थी।

छोटे छोटे नैनों में एक सपना रहता था,
पास में आकाश रहता था और चांद दिखता रहता था।

कितना प्यार मेरा गांव,
जरा न थकते थे मेरे पांव।

भीनीभीनी हवा आंगन में आती थी,
मैदानो में चरती गायें इतराती इठलाती थी।

रोज सवेरे चिड़ियों की चहक मीठे गीत सुनाती थी,
बड़े प्यार से माँ उठने की बोल लगाती थीं।

गांव का वो मटके का पानी पीते थे,
न कोई रोग सताए ना बीमार पड़ते थे।

गांव की मिट्टी जीने का आगाज है,
गांव की मिट्टी जीवन का अंजाम है।

गांव की मिट्टी टेढ़ी मेढ़ी पगडंडी ,
आज भी याद आती है।।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव।
प्रयागराज✍️

Language: Hindi
1 Like · 748 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all
You may also like:
"चुनौतियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
प्रिय गुंजन,
प्रिय गुंजन,
पूर्वार्थ
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
ऐसे जीना जिंदगी,
ऐसे जीना जिंदगी,
sushil sarna
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
DrLakshman Jha Parimal
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
Neeraj kumar Soni
इंसानियत का चिराग
इंसानियत का चिराग
Ritu Asooja
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हंसना रास न आया
हंसना रास न आया
Ashok deep
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
राजनीति में शुचिता के, अटल एक पैगाम थे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
*एक सीध में चलता जीवन, सोचो यह किसने पाया है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
हम सब की है यही अभिलाषा
हम सब की है यही अभिलाषा
गुमनाम 'बाबा'
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
लहर लहर लहराना है
लहर लहर लहराना है
Madhuri mahakash
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
Rituraj shivem verma
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
मैने देखा नहीं है कोई चाँद
VINOD CHAUHAN
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
इश्क में आजाद कर दिया
इश्क में आजाद कर दिया
Dr. Mulla Adam Ali
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
मूर्ती माँ तू ममता की
मूर्ती माँ तू ममता की
Basant Bhagawan Roy
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
*प्रणय*
Loading...