Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2020 · 2 min read

किरासन तेल(केरोसिन ऑइल)

मेरे एक सहपाठी के पिता के पास किरासन तेल की एजेंसी थी। यही से ये तेल, फिर गांव और आसपास के देहातों के छोटे छोटे दुकानदारों को वितरित किया जाता था।

उस समय इस तेल की खपत भी ज्यादा थी। उनका अच्छा खासा व्यवसाय था।

बिजली बहुत कम घरो में थी। रात में किरासन तेल से जलने वाली लालटेन या ढिबरी से ही काम चलता था।

हमारे एक शिक्षक ने सहपाठी को एक दो बार कह रखा था कि उन्हें ये तेल चाहिए। उसने शिक्षक को कह भी दिया था कि वो ला देगा पर किसी कारणवश अभी तक उनके घर पहुंचा नहीं पाया था।

कुछ दिनों बाद, जब हम दोनों ने होमवर्क नहीं किया था तो सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कक्षा में थोड़ा पीछे जाकर बैठ गए।
ये सोचकर कि पीटेंगे तो भी हमारी बारी बाद में आएगी। तब तक शिक्षक भी शायद थोड़ा थक जाएँ इस परिश्रम से।

शिक्षक का चेहरा कुछ ज्यादा ही गुस्से में था। पहली दो तीन पंक्तियों के छात्रों की बुरी तरह पिटाई देखने के बाद ,मैं डरा सहमा अपनी बारी के इन्तजार में था।

शिक्षक को हमारी बेंच की ओर बढ़ता देखकर मैँ अपनी होने वाली मरम्मत के लिए खुद को तैयार कर ही रहा था कि सहपाठी जो किनारे मे बैठा हुआ था,खुद का नंबर आता देख , अपना ब्रह्मास्त्र निकाल बैठा, और शिक्षक को धीरे से बोल पड़ा, सर, आज विद्यालय की छुट्टी होते ही , हम तेल आपके घर पहुँचा देंगे।

शिक्षक का गुस्सा अब शांत हो चला था।

वो बाकी की कॉपियां बिना देखे लौट गए।

मैंने और मेरे पीछे बैठे छात्रों ने चैन की सांस ली।

सहपाठी मेरी ओर मुस्कुरा कर देख रहा था । उसके चेहरे से साफ दिख रहा था, ” आज मेरी वजह से बचे हो”

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Umesh Kumar Sharma
View all
You may also like:
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
साइंस ऑफ लव
साइंस ऑफ लव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
Only attraction
Only attraction
Bidyadhar Mantry
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
-आजकल मोहब्बत में गिरावट क्यों है ?-
bharat gehlot
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
* बेटियां *
* बेटियां *
surenderpal vaidya
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
■आज का #दोहा।।
■आज का #दोहा।।
*प्रणय प्रभात*
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
Harminder Kaur
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
पूर्वार्थ
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
कविता
कविता
Shweta Soni
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
इस महफ़िल में तमाम चेहरे हैं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गांव अच्छे हैं।
गांव अच्छे हैं।
Amrit Lal
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
खुद को इतना .. सजाय हुआ है
Neeraj Mishra " नीर "
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
पिछले पन्ने भाग 1
पिछले पन्ने भाग 1
Paras Nath Jha
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारी वफा
हमारी वफा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
Loading...