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21 Jan 2022 · 2 min read

गांव की औरतें व, मजदूर वर्ग और आर्थिक वर्ग

गांव की औरतें

गाँव की औरतें
घड़े को सिर पर उठाकर,
हँसते हुए – घर में हँसी – ठिठोली करते हुए,
अगर थोड़ा भी पास से,
उनका कुआं हो सकता है
पाने के लिए संघर्ष कर रहा है
पास भी नल
अगर होशपूर्वक नहीं
कितनी बार से
कुआं बाद लौटा
पानी भरना,।
कितना समय बर्बाद किया,
उसका सिर केवल पानी ढो रहा था,
हमेशा किताबों से दूर रहता था।

©
खान मनजीत भावड़िया मजीद

मजदूर वर्ग और आर्थिक वर्ग

मेहनत की लूट हैं
की केवल दो कक्षाएं
इस अर्थव्यवस्था में लोग,
एक श्रमिक वर्ग है
और दूसरा है
पूंजीपति वर्ग,
श्रमिक वर्ग लोगों के लिए कड़ी
मेहनत करता है,
पूंजीवादी मेहनतकश लोकतंत्र की लूट पर जिंदा है।
राजनीति बढ़ रही है,
सार्वजनिक कंपनियां खा रही हैं
और बेच दिया जा रहा है,
पूँजीपतियों की फसल बर्बाद हो रही है,
क्योंकि यह सौदा करने के लिए
कहा जा रहा है
मंदी के साथ,
की मेहनत की कमाई
जनता को लूटा जा रहा है
और सामाजिक संगठन हैं
चुपचाप तमाशा देख रहा है।
आपको कुएँ पर खड़े प्यासे देखकर,
निजीकरण ने किसी भी देश की
अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं किया है,
हर पूंजीपति जो रहा है
मेहनतकश जनता के शोषण का आधार
और कार्यकर्ता दूसरे से बड़ा बनना चाहते हैं,
इस इच्छा में,
वह मजदूर वर्ग का शोषण करता रहता है।
मेहनतकश लोग आपस में लड़ते हैं,
कामकाजी लोगों को समझ में नहीं आता है
यह वर्ग चरित्र,
जिस दिन लोग अपने वर्ग के हित को पहचानेंगे,
उसी दिन
बंधु समाजवादी क्रांति शुरू होगी।

©
खान मनजीत भावड़िया मजीद
ग्राम भावड तह गोहाना जिला सोनीपत
9671504409

Language: Hindi
268 Views

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