गांधी होने का क्या अर्थ है?
गांधी होने का क्या अर्थ है?
क्या मजबूरी का नाम है?
या फिर मजबूती का नाम है गांधी।
गांधी हाड़ मांस का
एक पुतला भर नहीं,
ना हीं लाठी के सहारे,
चलने वाले साधारण पुरुष हैं
गांधी सैकड़ों तोप गोलों मशीनगनों से,
लोहा लेने वाले फौलाद हैं।
वे क्रांति हैं , साहस हैं।
यह नहीं कि वे एक महामानव थे
बल्कि वे मानवों में थें श्रेष्ठ।
उनमें भी साधारण मानव के तरह
कई खामियां थीं, कमियां थीं।
गांधी ना भगवान थें, न ही महात्मा
वे एक श्रेष्ठ, दृढ़ संकल्प से भरपूर,
स्वाभिमानी आत्मा भर थें।
जिन्हें उत्पीड़न मंजूर नहीं।
उनमें भी खीझ, गुस्सा बदले की भावना
झूठ, फरेब काम की प्रबल इच्छा थी
वे कोई महात्मा नहीं,
मानव है मानव है, मानव है।