Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2022 · 2 min read

गांधी और गोडसे का फर्क!

साबरमती के सन्त तुम,
हमें क्या नहीं दे गये,
फिर भी आज लोग,
हैं तुझे कोस रहे!

अहिंसा का पाठ पढ़ा कर,
हम निहत्थों को सबल किया,
हिंसा से परहेज़ बता कर,
अहिंसा का मार्ग प्रशस्त किया,

दीन हीन की पीड़ा को,
अपने तन-मन में समाहित किया,
एक लंगोटी तन पर धार,
गरीब गुरबों का प्रतिनिधित्व किया,

स्वराज्य का सपना देकर,,
जन गण के मन को तैयार किया,
धर्म संप्रदाय से परे हटकर,
सर्व धर्म समभाव का बोध किया,

निज धर्म को कभी त्यागा नहीं,
राम नाम का सदैव जाप किया,
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
सबको भाई होने का अनुरोध किया,

अंग्रेजों का किया विरोध डटकर,
पर ना कभी उनका अपमान किया,
हर किसी मानव देह में,
तूमने प्रभु श्री का दर्शन किया,

अपने जीवन में तुमने,
हर आदर्श को प्रस्तुत किया,
मत-मतांतर होने पर भी,
अपने आलोचकों को स्वीकार किया,

माना कि आजादी पाने में,
सिर्फ तुम्हारा ही योगदान नहीं,
तिलक गोखले और लाला जी,
इस मुहिम में संग संग रहे,

नेहरु पटेल तो अनुयाई ही थे,
शेखर भगतसिंह भी मुरीद रहे,
नेताजी सुभाष तो थे ही समकक्ष,
मतैक्य के बाद भी करीब रहे,

हर किसी का तुमने सम्मान किया,
चाहे वह सावरकर भी थे,
नहीं किसी को नीचा समझा,
ऊंच नीच से परे रहे,

जात-पात और छुआछूत, को,
ना कभी स्वीकार किया,
भीमराव अम्बेडकर जी को,
पद प्रतिष्ठित करा दिया,
कर्मकाण्डी बा-कस्तुरबा को,
अपने अनुरुप ही ढाल दिया,

आडंबर का सदैव विरोध किया,
देश हित व लोकहित में,
ना कभी समर्पण किया,
फिर भी उन लोगों ने,
तुम्हें हमसे छीन ही लिया,

आज वह फिर से तुम्हें,
हमसे छीनना चाहते हैं,
देह को तो पहले ही छीन चुके,
अब विचारों को भी लील लेना चाहते हैं,

हत्यारे को करते हैं महिमा मंडित,
तुम्हें देश विभाजक कह रहे,
गोडसे की करते हैं जय जय कार,
और गांधीजी तुम्हें हैं कोस रहे,

नेहरु पटेल में मतभेद बताकर,
एक दूजे की आत्मा को झकझोर रहे,
गांधी गोडसे का लेकर तिलिस्म,
जन जन में भेद भर रहे,
नये नये मिथक गढ़ कर,
जन-मानस को मथ रहे,

हम गांधी को महात्मा हैं कहते,,
वो गोडसे को पूज रहे,
विश्व समुदाय भी जिसे प्रासंगिक समझते,
आज उसी की विचारधारा से,
वह दिग्भ्रमित होकर विचर रहे,

गांधी वाद शास्वत सत्य हैं,
गांधी जी सदैव को अमर हुए,
गोडसे की विचारधारा में
खुन खराबे की डगर है!!

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
पुरवाई
पुरवाई
Seema Garg
निष्ठुर संवेदना
निष्ठुर संवेदना
Alok Saxena
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
शिव प्रताप लोधी
लड़कों को एक उम्र के बाद
लड़कों को एक उम्र के बाद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वस हम पर
वस हम पर
Dr fauzia Naseem shad
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
पूर्वार्थ
सबसे दूर जाकर
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
लाल बहादुर
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
क्षणिका ...
क्षणिका ...
sushil sarna
विभजन
विभजन
Bodhisatva kastooriya
जरूरत पड़ने पर बहाना और बुरे वक्त में ताना,
जरूरत पड़ने पर बहाना और बुरे वक्त में ताना,
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
*षडानन (बाल कविता)*
*षडानन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
gurudeenverma198
स्क्रीनशॉट बटन
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
"रौनक"
Dr. Kishan tandon kranti
2. काश कभी ऐसा हो पाता
2. काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
पतंग
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙅आग्रह🙅
🙅आग्रह🙅
*प्रणय*
4544.*पूर्णिका*
4544.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
श्री गणेशा
श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
Neelofar Khan
श्रीराम गाथा
श्रीराम गाथा
मनोज कर्ण
Loading...