गाँव का प्यार
अनगिनत तुम्हारे उपकार ।
करूँ तुम्हे नमन बारम्बार ।।
बचपन पास तुम्हारे बीता ।
हर सुख तुमसे ही मिलता ।।
दिल की बात तुम्हे सुनाता ।
हर पल मैं तुमको चाहता ।।
खाकर तुम्हारा मिट्टी अन्न ।
निर्मल हुआ मेरा यह मन।।
उछल कूद की गलियों में ।
फल फूल देखे कलियों में ।।
तन से जब धूल लगती ।
चंदन सी महसूस होती ।।
यही हैं मेरे गाँव का प्यार ।
जिससे हुए सपने साकार ।।
।।।जेपीएल।।।