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26 Jun 2024 · 1 min read

गाँव इतना छोटा है

गाँव इतना छोटा है
कि कहीं छिप – छिप कर मिल नहीं सकते।

और फिर शहर इतना बड़ा है
कि हम एकदूसरे को ढूंढ नहीं पाते।।

(2018 : मैंने गांव और शहर के ठीक बीच सपना देखा)

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