ग़म
खुशी आती है चली जाती है,
लेकिन ग़म एक ऐसा है ,
जो कभी नहीं जाता है।
छोड़ जाते हैं सब साथ हमारा,
अंत में ग़म ही देता है सहारा ।
भूल जाते हैं खुशी का जिकर एक पल,
ग़म देता है सहारा हर कदम पर।
खुशी में तो जी लेता है हर इंसान,
ग़म में जीकर भी मर जाता है एक इन्सान।
भुलाना चाहता है इन्सान हर गम को,
लेकिन दुनिया याद दिलाती है हर पल वो।
चेहरे से मिटा देता है हर ग़म को इन्सान,
लेकिन दिल में दे देता है उसे स्थान।
दुनिया सोचती है कि भुला दिया है हर गम को,
लेकिन फिर यही ग़म अकेले में रुला देता है हमको।