ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
दुःख ये है वो मुस्कुरा के मिलते हैं
रोशनी करता हूँ जब अँधेरों में
लोग फिर तूफ़ाँ से जाके मिलते हैं
~अंसार एटवी
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
दुःख ये है वो मुस्कुरा के मिलते हैं
रोशनी करता हूँ जब अँधेरों में
लोग फिर तूफ़ाँ से जाके मिलते हैं
~अंसार एटवी