ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़। ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़। कमल पंक में जब खिले, करे तभी जग नाज़।। आर. एस. ‘प्रीतम’