ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
दिनांक,,,22/07/2024,,,
बह्र,,,,,212 – 1222 – 212 – 1222,,,
काफ़िया,,,,,आ,/// रदीफ़,,,,,देना ,,,
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💞 गज़ल 💞
1,,,
दर्द भूल कर अपने आप मुस्कुरा देना !
बार बार हँस के ही , बात को घुमा देना !!
2,,,
तुमने ही सिखाया है ,ज़िन्दगी हसीना है !
रूठ कर मना लेना ,और फिर हँसा देना !!
3,,,
हरक़दम पे उलझन थी,मिट गयी तुझे पाकर !
अब हवा में उड़ कर ही ,महफ़िलें सजा देना !!
4,,,
शोर कर के क्या कहते ,पास तो चले आओ !
काम सिर्फ़ मेरा ये, रोज़ हौसला देना !!
5,,,
याद के झरोके से, फूल चुन लिया करते !
क़ीमती खज़ानों में, तुम सभी सजा देना !!
6,,,
लौट कर अगर आये ,वो मिरा मुक़द्दर है !
हम अगर नहीं आये , तुम इसे बहा देना !!
7,,,
‘नील’तुम न समझोगी,खेल क्या है क़ुदरत के !
इक तरफ़ जुदा करना, इक तरफ़ मिला देना !!
✍नील रूहानी ,,20/07/22,,,
( नीलोफ़र खान) ,,,🍁