Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2018 · 1 min read

ग़ज़ल

“आज़मा कर देखना”

याद में मेरी कभी ख़ुद को भुलाकर देखना।
ख़्वाब आँखों ने बुने उनको चुराकर देखना।

गीत होठों के सभी क्यों आज बेगाने हुए
रख भरम में आप हमको गुनगुनाकर देखना।

फ़ासले चाहे न थे तुम दूर हमसे क्यों हुए
ज़िंदगी की इस सज़ा को तुम मिटाकर देखना।

बारिशों की बूँद में सिमटा हुआ सब दर्द है
हो सके तो रूह से अपनी लगाकर देखना।

आँख में सावन बसाकर ज़ख्म सारे पी गए
बेवफ़ा -ए-यार तू हमको रुलाकर देखना।

रूँठ जाने की अदा सीखी कहाँ से आपने
जान हाज़िर है मुहब्बत को मनाकर देखना।

हौसले उम्मीद के ‘रजनी’ सलामत हैं अभी
आज़मानी है महब्बत दिल जलाकर देखना।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका- साहित्य धरोहर

1 Like · 412 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all

You may also like these posts

"मेरी जान"
Geet
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
Dr fauzia Naseem shad
मेरे नाम अपनी जिंदगानी लिख दे
मेरे नाम अपनी जिंदगानी लिख दे
Jyoti Roshni
ज्ञान नहीं है
ज्ञान नहीं है
Rambali Mishra
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
सास खोल देहली फाइल
सास खोल देहली फाइल
नूरफातिमा खातून नूरी
■ चाची 42प का उस्ताद।
■ चाची 42प का उस्ताद।
*प्रणय*
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
वही बस्ती, वही टूटा खिलौना है
वही बस्ती, वही टूटा खिलौना है
sushil yadav
आजादी  भी अनुशासित हो।
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
- तुम्हे अब न अपनाऊंगा -
- तुम्हे अब न अपनाऊंगा -
bharat gehlot
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
दुविधा में हूँ
दुविधा में हूँ
Usha Gupta
सडा फल
सडा फल
Karuna Goswami
अजीब लड़की
अजीब लड़की
Kshma Urmila
वो मेरा है
वो मेरा है
Rajender Kumar Miraaj
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -188 से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -188 से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
फागुन
फागुन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
जिन्दगी का मामला।
जिन्दगी का मामला।
Taj Mohammad
दोहा पंचक . . . . भूख
दोहा पंचक . . . . भूख
sushil sarna
2610.पूर्णिका
2610.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जै मातादी
जै मातादी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क़ानून
क़ानून
Shashi Mahajan
जिंदगी हवाई जहाज
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सूरज मुझे जगाता, चांद मुझे सुलाता
सूरज मुझे जगाता, चांद मुझे सुलाता
Sarla Mehta
...........अनुबंध..........
...........अनुबंध..........
Mohan Tiwari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
"होली है आई रे"
Rahul Singh
अपना सकल जमीर
अपना सकल जमीर
RAMESH SHARMA
चिला रोटी
चिला रोटी
Lakhan Yadav
Loading...