Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2018 · 1 min read

ग़ज़ल

122 122 122 122

*जवाँ हसरतें
——————

झुकी है नज़र कुछ सँभलने तो दो।
ज़रा देर हमको ठहरने तो दो।

अभी प्यार से मन भरा ही नहीं
चरागों को थोड़ा सा जलने तो दो।

जवाँ हसरतें दिल मचलने लगा
घड़ी दो घड़ी साथ रहने तो दो।

मुहब्बत हमें आजमाने लगी
शमा को ज़रा सा पिघलने तो दो।

हवाओं का रुख भी बदलने लगा
हमें टूटकर भी बिखरने तो दो।

ख़बर है हमें जी न पाएँगे हम
वफ़ा में हमें आप मरने तो दो।

भरे अश्क आँखों में ‘रजनी’ कहे
कहीं वक्त को भी ठहरने तो दो।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ.प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
सरसी छन्द
सरसी छन्द
Dr.Pratibha Prakash
मैं हूँ आज यहाँ दूर
मैं हूँ आज यहाँ दूर
gurudeenverma198
कबीरा यह मूर्दों का गांव
कबीरा यह मूर्दों का गांव
Shekhar Chandra Mitra
हंसी आयी है लबों पर।
हंसी आयी है लबों पर।
Taj Mohammad
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सब कुछ मिले संभव नहीं
सब कुछ मिले संभव नहीं
Dr. Rajeev Jain
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
..
..
*प्रणय*
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
Manisha Manjari
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
निराशा क्यों?
निराशा क्यों?
Sanjay ' शून्य'
माटी
माटी
जगदीश लववंशी
प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैंने यह जान लिया कि....
मैंने यह जान लिया कि....
Ajit Kumar "Karn"
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
मात - पिता से सीख
मात - पिता से सीख
राधेश्याम "रागी"
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
सुबह होने को है साहब - सोने का टाइम हो रहा है
Atul "Krishn"
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
होली के रंग
होली के रंग
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
Ashwini sharma
शाकाहार स्वस्थ आहार
शाकाहार स्वस्थ आहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्त्री
स्त्री
Dr fauzia Naseem shad
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
वाह क्या खूब है मौहब्बत में अदाकारी तेरी।
Phool gufran
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
3474🌷 *पूर्णिका* 🌷
3474🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...