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6 Dec 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

ज्ञान की गंगा बहादो सुर लबों पर नव सजा दो
दिल मिलें सबके ख़ुशी से प्रेम की ऐसी हवा दो//1

दूरियाँ अच्छी नहीं होती सुनों समझो हक़ीक़त
तुम मिलन को दोस्त पलकें राह में अब बिछा दो//2

इश्क़ सच्चा और झूठी हैं सभी बातें यार जग में
ये ख़बर अब तुम ज़माने को ज़रा खुलकर सुना दो//3

धूप ताज़ा रुत नया है अब ग़ज़ल भी सुन नयी हो
यार यौवन पर मुहब्बत का ज़रा चंदन घिसा दो//4

रेत के घर में हिफाज़त लिख रहा हूँ आजकल मैं
रब दुवा तुमसे ये बारिश से मिरा घर तुम बचा दो//5

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 23 Views
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