Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

तुम हो तो अब सब सुंदर है ।
घर लगता है , अपना घर है ।

पायल भरकर ममता छलके,
बिछड़ी-सा लालित्य सुगर है ।

बिंदिया-सा व्यवहार दमकता,
कुमकुम-सा आदर्श प्रखर है ।

प्यार खनकता चूड़ी जैसा,
अंदर भी है और बाहर है ।

मधुर लगे बर्तन की खनखन,
झुमके की लटकन सुंदर है ।

सूत्र तेरे मंगल कारक हैं,
जिह्वा पर केवल आदर है ।

“ईश्वर” का ‘लक्ष्मी’ से नाता,
प्रलयकाल से अजर-अमर है ।
००००००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी ।

Language: Hindi
3 Likes · 111 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" फैसला "
Dr. Kishan tandon kranti
राम मंदिर
राम मंदिर
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
Ajit Kumar "Karn"
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
पूर्वार्थ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
किसका  हम शुक्रिया करें,
किसका हम शुक्रिया करें,
sushil sarna
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
3862.💐 *पूर्णिका* 💐
3862.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
Vivek Sharma Visha
गीतिका :- हमें सताने वाले
गीतिका :- हमें सताने वाले
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा भारत महान --
मेरा भारत महान --
Seema Garg
होता नहीं कम काम
होता नहीं कम काम
जगदीश लववंशी
■ आज का शेर-
■ आज का शेर-
*प्रणय प्रभात*
मात पिता का आदर करना
मात पिता का आदर करना
Dr Archana Gupta
मजबूरियां थी कुछ हमारी
मजबूरियां थी कुछ हमारी
gurudeenverma198
I was happy
I was happy
VINOD CHAUHAN
समय और टीचर में
समय और टीचर में
Ranjeet kumar patre
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
किसी को उदास पाकर
किसी को उदास पाकर
Shekhar Chandra Mitra
Loading...