Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2023 · 1 min read

*ग़ज़ल*

मेरा ये रब्त है पगले कि फ़ितरत जान लेता हूँ
हरादूँ हार को हँसकर अगर मैं ठान लेता हूँ/1

कोई सूरत नहीं ऐसी मुझे छल से हरा दे जो
सुनो मैं आइना हूँ शक्ल हर पहचान लेता हूँ/2

बसा जो रूह में मेरी भुला उसको नहीं सकता
उसे दिल की हसीं मंज़िल क़सम से मान लेता हूँ/3

करूँ ऐसा ज़ुदा सबसे तभी तारीफ़ पाऊँगा
तस्व्वुर ये हिज़ाबों से परे कर ध्यान लेता हूँ/4

गुलाबी लब उसे प्यारे सुना मैंने यही सोचा
बहारों से मुहब्बत कर उन्हीं की शान लेता हूँ/5

बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
ग़मों को चीरकर मैं छीन हर मुस्क़ान लेता हूँ/6

मुझे ‘प्रीतम’ कहे समझे लगे मुझको वही प्यारा
नहीं मस्क़ा छली तारीफ़ बद अरमान लेता हूँ /7

आर. एस. ‘प्रीतम’

शब्दार्थ- रब्त-अभ्यास, हिज़ाब-पर्दा

Language: Hindi
1 Like · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
Ranjeet kumar patre
*मुहब्बत के मोती*
*मुहब्बत के मोती*
आर.एस. 'प्रीतम'
हकीकत
हकीकत
dr rajmati Surana
ज़रूरत पड़ने पे ही अब मुझे वो याद करते हैं
ज़रूरत पड़ने पे ही अब मुझे वो याद करते हैं
Johnny Ahmed 'क़ैस'
स्क्रीनशॉट बटन
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
लेखक कि चाहत
लेखक कि चाहत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
TAMANNA BILASPURI
संवेदनाएं जिंदा रखो
संवेदनाएं जिंदा रखो
नेताम आर सी
मानव जीवन अनमोल है, सीमित संसाधन भी अनमोल।
मानव जीवन अनमोल है, सीमित संसाधन भी अनमोल।
जय लगन कुमार हैप्पी
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
कभी निशाना  चूकता  नहीं।
कभी निशाना चूकता नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हर किसी की खुशियाँ
हर किसी की खुशियाँ
Chitra Bisht
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
4577.*पूर्णिका*
4577.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।।
हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।।
Buddha Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
Vinit kumar
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
Ashwini sharma
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
सम्मान
सम्मान
Sunil Maheshwari
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
इन दिनों शहर में इक अजब सा माहौल है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
**रक्षा सूत्र का प्रण**
**रक्षा सूत्र का प्रण**
Dr Mukesh 'Aseemit'
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
G
G
*प्रणय*
शनिवार
शनिवार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...