ग़ज़ल
ग़ज़ल
मुहब्बत की लबों पर रब सदा मुस्क़ान लिख देना
जिऊँ मैं देश की खातिर यही अरमान लिख देना/1
क़दम पीछे हटाना ख़ून में शामिल नहीं मेरे
ज़रूरत हो वतन ख़ातिर हमारी जान लिख देना/2
तिरंगा चाँद पर फहरा दिया देखा सुना सबने
बड़ी पहचान जिसकी है वो हिंदुस्तान लिख देना/3
महाभारत पुराणों और वेदों का सृजन पढ़ना
रामायण सहित इक याद में संविधान लिख देना/4
अँधेरों से उजाले छीन लाएँ ठान लें मन में
खिलाना फूल काँटों हमारे गान लिख देना/5
ज़ुदा थे हम रहेंगे भी ज़ुदा मर्ज़ी के मालिक हैं
निभाते हैं मग़र वादे दिले-सुल्तान लिख देना/6
कभी ‘प्रीतम’ हमें तुम आज़मा आवाज़ दे हक से
मिलूँगा पार सागर कर मिरा अभिमान लिख देना/7
#आर. एस. ‘प्रीतम’