ग़ज़ल
——–ग़ज़ल——-
22 22 22 22 22 2
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ा
1-
मुझको तू अपना दीवाना रहने दे
उल्फ़त का ये दीपक जलता रहने दे
2-
फिक़्र न कर तू मुझको प्यासा रहने दे
सारा सागर ले जा सहरा रहने दे
3-
ख़त्म न हो उल्फ़त का रिश्ता ये अपना
जीवन भर का है ये सौदा रहने दे
4-
प्यार की बारिश हो जाने दे ऐ हमदम
अपनी आँचल को तू उड़ता रहने दे
5-
जाने क्यों ये दुनिया मेरी है दुश्मन
अपने में ही मुझको जिन्दा रहने दे
6-
ऐ यार बुज़ुर्गों से ये ही है सीखा
किरदार कभी तू मत गंदा रहने दे
7-
लाख जफ़ा कर ले तू साथ मेरे “प्रीतम”
कुछ आँखों पर मेरे पर्दा रहने दे
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प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
23/01/2018