ग़ज़ल
मुहब्बत हक से करना प्यार में फरियाद मत करना।
मुहब्बत में किसी भी शख्स को बर्बाद मत करना।
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मोहब्बत के लिए इक फलसफा है याद रखना तुम।
जिसे दिल से भुला देना उसे तुम याद मत करना।
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यह दिल तेरे गिरफ्तारी में ही खुशहाल रहता है।
कफस में इश्क के रखना, मुझे आज़ाद मत करना।
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सगीर उनको दिया है मशविरा मैने मुहब्बत में।
मिटा देना मुझे तुम, इश्क़ मेरे बाद मत करना।