Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2021 · 1 min read

“ग़ज़ल”

“ग़ज़ल”
???

मैंने पढ़ ली तेरे दिल की बात,अब तड़पाओ न ।
क्या तूने पूछा मेरे दिल का हाल, बतलाओ न ।।

तेरे ही इशारे पर तो अफसाने बनने शुरू हुए ‌।
अब बीच भॅंवर में लाकर मुझे तू बिसराओ न ।।

तुझे पाने के वास्ते सब कुछ दाॅंव पे लगाया मैंने ।
अब इससे ज़्यादा तनिक भी मुझे आजमाओ न ।।

जल्दी से हाॅं कह दो वरना बहुत ही देर हो जाएगी ।
कब से कर रहा हूॅं तेरा इंतज़ार, अब भरमाओ न ।।

जानता हूॅं कि बड़े घराने से ताल्लुकात रखती हो ।
पर मुझ गरीब पर तनिक दया करो, इठलाओ न ।।

‘अजित’ ने हमेशा से ही तुझे साफ-साफ कह दिया ।
फिर भी समझ न आया तो तू ही अब समझाओ न ।।

स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 30 नवंबर, 2021.
“”””””””””””””””””””””””””””””””
?????????

8 Likes · 4 Comments · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2906.*पूर्णिका*
2906.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हमने ख़ामोशियों को
हमने ख़ामोशियों को
Dr fauzia Naseem shad
हम
हम
Dr. Kishan tandon kranti
एक नायक भक्त महान 🌿🌿
एक नायक भक्त महान 🌿🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
जजमैंटल
जजमैंटल
Shashi Mahajan
सर सरिता सागर
सर सरिता सागर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्यार का गीत
प्यार का गीत
Neelam Sharma
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
DrLakshman Jha Parimal
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
Phool gufran
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
🙅नुमाइंदा_मिसरों_के_साथ
🙅नुमाइंदा_मिसरों_के_साथ
*प्रणय प्रभात*
क्या रखा है???
क्या रखा है???
Sûrëkhâ
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
‼ ** सालते जज़्बात ** ‼
Dr Manju Saini
शराब का सहारा कर लेंगे
शराब का सहारा कर लेंगे
शेखर सिंह
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
ना तो हमारी तरह तुम्हें कोई प्रेमी मिलेगा,
Dr. Man Mohan Krishna
सीधी मुतधार में सुधार
सीधी मुतधार में सुधार
मानक लाल मनु
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
gurudeenverma198
लौट आयी स्वीटी
लौट आयी स्वीटी
Kanchan Khanna
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सब्र करते करते
सब्र करते करते
Surinder blackpen
Loading...