ग़ज़ल
ग़ज़ल
नहीं दौलत कभी हम बेईमानी से कमायेंगे | पसीने की कमाई बाल बच्चों को खिलायेंगे |
हमें जब एक कौड़ी इस जहां से ले न जाना है जहां तक बन पड़ेगा दीन दुखियों में लुटायेंगे|
जले पर हम किसी के किस लिए छिड़कें नमक यारों
उन्हे राहत मिले कुछ इस लिये मरहम लगायेंगे |
किसी को हम सतायेंगे हमें वह भी सताएगा दिलों को जीतलें तो सहज में ही जीत जायेंगे|
तुझी से प्यार करते हैं नजर तू फेर दे हम पर
हमें फिर चाहिए क्या हम खुशी के गीत गाएंगे|
भले आते रहे दुख सुख मगर अवधू तमन्ना है सदा हंसते रहेंगे और दुनिया को हँसायेंगे|
अवधकिशोर’अवधू’
मो. न.9918854285