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12 Apr 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

लाख अच्छा लगे किसी को आशमा
मगर ये तारे हमें अपनाते कहां है
ढुढती रह जाये उन्हें निगाहें हमारी
दुनिया से जाने वाले जाते कहां है
जज़्बातों से भरा है दिले इंसान
हर पल बहार भला आती कहां है
आंखें नम हो जाया करती है अक्सर
परेशान दिल समझते समझाते कहां है
मेहनत तो सभी करते हैं “नूरी”
खुदा सबको इनाम दिलवाते कहा है

नूरफातिमा खातून “नूरी”
१४/४/२०२०

1 Like · 237 Views
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