Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

एक बहुत छोटी बह्र की ग़ज़ल

ہے خطا है खता
دو سزا दो सज़ा

جب ملا जब मिला
بس گلہ बस गिला

وہ ہوا वो हुआ
بے وفا बेवफा

جانتا जानता
سب خدا सब खुदा

نیکیاں नेकियां
بھول جا भूल जा

یاد رکھ याद रख
ہر خطا हर खता

ضد نہ کر ज़िद न कर
مان جا मान जा

شکریہ शुक्रिया
آپ کا आपका

ارشاد عاطفؔ “इरशाद “आतिफ़ अहमदाबाद

2 Likes · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
Rj Anand Prajapati
గురు శిష్యుల బంధము
గురు శిష్యుల బంధము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तन तो केवल एक है,
तन तो केवल एक है,
sushil sarna
किरदार अगर रौशन है तो
किरदार अगर रौशन है तो
shabina. Naaz
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
Kuldeep mishra (KD)
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
सादगी
सादगी
राजेंद्र तिवारी
किरायेदार
किरायेदार
Keshi Gupta
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
कविता
कविता
Shiva Awasthi
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
नींद और ख्वाब
नींद और ख्वाब
Surinder blackpen
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
मेरी ख़्वाहिश ने
मेरी ख़्वाहिश ने
Dr fauzia Naseem shad
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
Rambali Mishra
"विषधर"
Dr. Kishan tandon kranti
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*चंदा मॉंगो शान से, झाड़ो बढ़िया ज्ञान (कुंडलिया)*
*चंदा मॉंगो शान से, झाड़ो बढ़िया ज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
Raju Gajbhiye
जख्म भरता है इसी बहाने से
जख्म भरता है इसी बहाने से
Anil Mishra Prahari
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
हरवंश हृदय
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
'अशांत' शेखर
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
Loading...