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19 Dec 2019 · 1 min read

ग़ज़ल

साथी कुछ पल साथ चलो तुम,
कुछ दूर तलक तो चलना है,
तुम तो अभी ही थक गए हो,
मुझको तो नया इतिहास गड़ना है।

जिंदगी मिली है दो पल की तो,
उसे ही अंबर करना है,
चांद उगेगा, सूरज उगेगा,
सितारा बन मुझको भी उठना है।

ताने सुनकर निराश ना होना,
जीवन भर ये चलना है,
सुन-सुन कर आगे बढ़ता जा तू,
गलत साबित उनको तो करना है।

साथ छोड़कर अब वह गए हैं,
जब बीच भंवर में हम थे पहुंचे,
रोने से वहां कुछ ना होगा,
दरिया पार स्वयं ही करना है।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 243 Views
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