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19 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल सगीर

आज सारे हिसाब कर दूंगा।
तुझको मैं लाजवाब कर दूंगा।
🌹
दूध का दूध पानी का पानी।
झूठ सब बेनकाब कर दूंगा।
🌷
जो भी रखते हैं नफरतें उनको।
पेश उनको गुलाब कर दूंगा।
🌷
साजिशें जो करेंगे मेरे खिलाफ।
उनका खाना खराब कर दूंगा।
🌷
ऐसी तासीर उसके होठों की।
छू लिया तो शराब कर दूंगा।
🌷
जब मिलोगे सुकून से मुझसे।
खूब रंगी शबाब कर दूंगा।
🌷
दौलत ए इश्क किसको बख्शूंगा।
इसका अब इंतिखाब कर दूंगा।
🌷
सुर्ख रू आप हों ज़माने में।
काम ऐसे जनाब कर दूंगा।
🌷
सगीर मैं उसको पढ़ सकूं हरदम।
उनका चेहरा किताब कर दूंगा।

DR सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच यूपी

Language: Hindi
106 Views
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