ग़ज़ल सगीर
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम।
मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम।
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सुर्ख गुलाबों का गुलदस्ता आ जा तुझको पेश करूं।
सारी बगिया सारा बगीचा सारा दरीचा तेरे नाम।
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फूलों की खुशबू, चांद,चांदनी,बहती रातें,तेरी बात।
तुझ से मिलन का हर एक लम्हा,सारा वसीला तेरे नाम।
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शाम में अवध और सुबहे बनारस जैसे मन को भाता है।
सुबह सवेरे पहली रश्मि पहला उजाला तेरे नाम।
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बर्गे गुल से होंट तुम्हारे,हिरनी जैसी आंखें हैं।
झील में खिलता फूल कमल का तेरे नाम।
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तेरी यादें तेरी बातें ला महदूद समंदर है।
चाहत का इकलौता जजीरा तेरे नाम।
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तेरे साथ गुजारे जितने सारे मंज़र अच्छे है।
सारे मंज़र उनका जलवा तेरे नाम।
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Dr SAGHEER AHMAD SIDDIQUI KHAIRA BAZAR BAHRAICH