Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2021 · 1 min read

ग़ज़ल -वोटों की खातिर

ग़ज़ल- वोटों के ख़ातिर-

वोटों के ख़ातिर ही तो दंगे कराये हैं।
ये वो मसीहा है जिन्होंने घर जलाये हैं।।

इनका कोई ईमान है, न कोई धर्म है।
जनता को कैसे ये तो उल्लू बनाये हैं।।

भूकों मरे ग़रीब तो परवाह नहीं इन्हें।
वो अपनी प्यास को मगर रम से बुझाये हैं।।

नेताओं उर पुलिस की तो ज़ात एक सी।
जनता को ये तो खूब ही चूना लगाये हैं।।

मासूमियत पे इनकी न जाना कभी ‘राना’
सच में ये गुनहगार है जो सर झुकाये।।
****
© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com

1 Like · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
जनता के हिस्से सिर्फ हलाहल
जनता के हिस्से सिर्फ हलाहल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh
"अपदस्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
नवरात्रि के इस पवित्र त्योहार में,
Sahil Ahmad
धिक्कार है धिक्कार है ...
धिक्कार है धिक्कार है ...
आर एस आघात
#झुनझुना-😊
#झुनझुना-😊
*प्रणय प्रभात*
*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
Ravi Prakash
4306.💐 *पूर्णिका* 💐
4306.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भ्रष्ट नेताओं,भ्रष्टाचारी लोगों
भ्रष्ट नेताओं,भ्रष्टाचारी लोगों
Dr. Man Mohan Krishna
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
कामना के प्रिज़्म
कामना के प्रिज़्म
Davina Amar Thakral
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
पूर्वार्थ
लिखने जो बैठता हूँ
लिखने जो बैठता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
झूठ रहा है जीत
झूठ रहा है जीत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
गर्मी उमस की
गर्मी उमस की
AJAY AMITABH SUMAN
"राजनीति में जोश, जुबाँ, ज़मीर, जज्बे और जज्बात सब बदल जाते ह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
अरविंद भारद्वाज
********* बुद्धि  शुद्धि  के दोहे *********
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
दीवाल पर लगी हुई घड़ी की टिकटिक की आवाज़ बनके तुम मेरी दिल क
दीवाल पर लगी हुई घड़ी की टिकटिक की आवाज़ बनके तुम मेरी दिल क
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
Neelam Sharma
रहो कृष्ण की ओट
रहो कृष्ण की ओट
Satish Srijan
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
जिंदगी वो है
जिंदगी वो है
shabina. Naaz
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
लड़को की योग्यता पर सवाल क्यो
भरत कुमार सोलंकी
सोया भाग्य जगाएं
सोया भाग्य जगाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" पुष्कर वाली धुलंडी "
Dr Meenu Poonia
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
Anand Kumar
Loading...