ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है
ग़ज़ल- यार मेरा कमाल करता है
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यार मेरा कमाल करता है
दुश्मनी बेमिसाल करता है
बोलो कैसा मिज़ाज है तेरा
चोट देकर सवाल करता है
आजकल मतलबी सी दुनिया में
कौन किसका ख़याल करता है
कोई जिंदा रहे या मर जाये
अब नहीं वो मलाल करता है
दिल का उसने किया है यूँ सौदा
जैसे कोई दलाल करता है
टूट जाते “आकाश” जो रिश्ते
कौन उनको बहाल करता है
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 13/03/2020