ग़ज़ल :– तुझे पाने की चाहत में !
ग़ज़ल :– तुझे पाने की चाहत !
गजलकार :– अनुज तिवारी
तुझे पाने की चाहत में मेरी दुनियाँ उजड जाये !
प्यार की गुफ्तगू तुमसे कहीं महगीं ना पड जाये !
दिलों का मोल क्या जहाँ नाते भी बिकते हों !
दिलों की हेरा-फेरी मे कहीं आफत ना बढ जाये !
तेरी रंगत मे ख्वाबों की एक दुनियाँ बनाई थी !
ये मीठे ख्वाब पतझड के पत्तों से ना झड जाये !
तराने छेड कर मीठे कहीं तुम गुम ना हो जाओ !
यहाँ मिलने से पहले कहीं ना हम बिछड जायें !