Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2021 · 1 min read

ग़ज़ल- जो रहीम और राम हो गये- ‘राना लिधौरी’

ग़ज़ल- जो रहीमऔर राम हो गये

जो रहीम और राम हो गये।
उनके ऊंचे नाम हो गये।।

प्यार को जिन्होंने समझा।
वो ही यहां घनश्याम हो गये।।

लक्ष्य को लेकर बढ़े जो आगे।
उनके पूरे काम हो गये।।

देखो नेता बनते ही वो।
कितने ऊंचे दाम हो गये।।

राना‘ आज की दुनिया में तो।
कभी सुबह ही शाम हो गये।।
*****

© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-35,पेज-43 से साभार

396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
" दम घुटते तरुवर "
Dr Meenu Poonia
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Sukoon
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
!! युवा मन !!
!! युवा मन !!
Akash Yadav
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
ऐ दोस्त जो भी आता है मेरे करीब,मेरे नसीब में,पता नहीं क्यों,
ऐ दोस्त जो भी आता है मेरे करीब,मेरे नसीब में,पता नहीं क्यों,
Dr. Man Mohan Krishna
मां रा सपना
मां रा सपना
Rajdeep Singh Inda
भावनात्मक निर्भरता
भावनात्मक निर्भरता
Davina Amar Thakral
वो एक शाम
वो एक शाम
हिमांशु Kulshrestha
जाति  धर्म  के नाम  पर, चुनने होगे  शूल ।
जाति धर्म के नाम पर, चुनने होगे शूल ।
sushil sarna
तेज़
तेज़
Sanjay ' शून्य'
भूतपूर्व (हास्य-व्यंग्य)
भूतपूर्व (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
तारीफ....... तुम्हारी
तारीफ....... तुम्हारी
Neeraj Agarwal
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!
Manu Vashistha
2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन मंदिर के कोने से
मन मंदिर के कोने से
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सारे रिश्तों से
सारे रिश्तों से
Dr fauzia Naseem shad
बूढ़ा बापू
बूढ़ा बापू
Madhu Shah
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
Ranjeet kumar patre
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
माना की आग नहीं थी,फेरे नहीं थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
Loading...