ग़ज़ल- जो रहीम और राम हो गये- ‘राना लिधौरी’
ग़ज़ल- जो रहीमऔर राम हो गये
जो रहीम और राम हो गये।
उनके ऊंचे नाम हो गये।।
प्यार को जिन्होंने समझा।
वो ही यहां घनश्याम हो गये।।
लक्ष्य को लेकर बढ़े जो आगे।
उनके पूरे काम हो गये।।
देखो नेता बनते ही वो।
कितने ऊंचे दाम हो गये।।
राना‘ आज की दुनिया में तो।
कभी सुबह ही शाम हो गये।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
*( राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह-2015)- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के ग़ज़ल-35,पेज-43 से साभार