ग़ज़ल/गीतिका
यहाँ मौसम सुहाना हो गया है।
किसी की याद में मन खो गया है।।1।।
चली ठण्डी हवा कुछ गुनगुनाती,
मयूरा मन रिझावन को गया है।।2।।
पुकारे सारिका प्रीतम कहाँ हो,
नहीं सुनता पपीहा सो गया है।।3।।
दमकती दामिनी बादल बरस कर,
धरा परिधान को शुचि धो गया है।।4।।
मगर तनहा समय कटता नहीं अब,
सुना तानें विरह अब जो गया है।।5।।
कहो,क्या याद आती मैं नहीं हूँ?
समय का फासला कुछ तो गया है।।6।।
**माया शर्मा**