ग़ज़ल : ….. आशिक़ तो हारा जाएगा ।
….. आशिक तो हारा जाएगा ।
2122 2122 212
दूर जब उनसे किनारा जाएगा ।
आशिक फ़क़त बेसहारा जाएगा ।।
साँस कबतक रोक के रख पाएगी,
प्यार में जिंदा वो मारा जाएगा ।।
माँ उधर बे-वजह मारी जाएगी,
इश्क़ तब फिर दुतकारा जाएगा ।।
वक्त साहिल के संग नहीं होता,
भाग्य के हाथों दुलारा जाएगा ।।
क्या पता डूबो ही दे सागर उसको,
इश्क़ में आशिक तो हारा जाएगा ।।
=============
दिनेश एल० “जैहिंद”
05. 09. 2017