गवाह
बचपन में खेले है
मिट्टी और पत्थरों से
गले भी लगाया बस
सड़कों की धूल ने।।
हुए जब बड़े तो
काम भी दिया हमें
मिट्टी और पत्थरों ने।।
अंत समय आया जब
समा गए फिर हम
इस मिट्टी के बीच ही
मिट्टी ही बनी है गवाह
मेरे जीवन के संघर्ष की।।
बचपन में खेले है
मिट्टी और पत्थरों से
गले भी लगाया बस
सड़कों की धूल ने।।
हुए जब बड़े तो
काम भी दिया हमें
मिट्टी और पत्थरों ने।।
अंत समय आया जब
समा गए फिर हम
इस मिट्टी के बीच ही
मिट्टी ही बनी है गवाह
मेरे जीवन के संघर्ष की।।