गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तिरंगा बोल रहा आसमान
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तीन रंगों से बना ये तिरंगा
भारत जन अभिमान तिरंगा
फर फर उड़ फहर रहा तिरंगा
आकाश पाताल नग भूतल में
जन गण मन हर धड़कन में
बसा तिरंगा प्यारा जन मन में
गवाह मैं उस मां आंसु जिसनें
भारत मां बिंदिया लाज बचाने
खाई गोली सीने पर वीरों ने
आन बान शान मान सुरक्षा खातिर
लाल खून से लथपत निज लाल को
शव शस्या तिरंगा लिपटा देख धैर्य
से गाल चुमते गौरवपूर्ण विदाई का
महाप्रयाण है आज तुम्हारा बेटा
वक्त है सिर ऊँचा कर अभिमान
गर्व से तेरी माँ कहला जीने का
सुना ममतामयी आजादी पाने
अमर शहीद बलिदानी अभिमानी
भारत माता के इस घर माता का
सूरज चांद सितारों में देखुंगी
फहरा तिरंगा हर घर आंगन में
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान
ड़रा नहीं जरा भी भारत वीर सपूत
गोरे के जघन्य जुर्म अत्याचारों से
हिला झुका हटा नहीं मेरा जिगर
अविराम गोले गोली बौछारों से
एक दो दस हो तो गिना दुं उंगली
लाखों वीरों ने शान- ए-तिरंगा हाथ
लिए सीना तान खड़ा आजादी के
खातिर हंस हंस खून बहाया था
भारत मां की जय जय बोल मौत
गले लगा चिर निद्रा अपनाया था
स्वच्छ समीर नयनों के जल से
वन उपवन हरित खेत क्यारी में
वर्फ चांदी सी सरताज हिमालय
चरण परवारते नद्य सागर का
प्रत्यक्षी एक गवाह मैं तिरंगा
स्वर्णिम इतिहास शहीदों का
चिल्लाते भागते ओ !माय गॉड
कायर फिरंगी सात समंदर पार
गौरे के चूर चूर हो गए घमण्ड
ये एक पहेली नहीं हकीकत है
एक दिन ब्रिटिश ने छीनीं थी होली
दीवाली पर माथा टेक रहा आज
मेरे घर आंगन जो भारत ने प्रत्यक्ष
देखा है G20 शिखर सम्मेलन में
भारत ज्ञान दरकिनार किया था
चंद्रयान तीन ने सिख सिखाया है
भारत भारती को आज हँसाया है
देख पड़ोस दूर देश मुरझाया है
भारत मेहमान नवाजी सहराया
उड़ रहा विजय विश्व तिरंगा प्यारा
बोल रहा हुं एक गवाह आसमान
सर्विलांस निगाह रख नभ सागर में
वॉडर सीमा चौकसी दुश्मन पर
हुंकार से अहंकार तोड़ने खड़ा हुं
फर फर फराह स्वभिमान तिरंगा
आजादी विजय शौर्य गाथा का
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान ।
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तारकेश्वर प्रसाद तरुण