गलत या सही
आज अठारह सालों के बाद अशोक और रश्मि किसी की शादी में मिले थे। “कैसी हो रश्मि? ” अशोक ने पूछा। “अच्छी हूँ मुझे क्या हुआ है।” रूखा सा उत्तर दिया रश्मि ने। “लगता है तुमने मुझे माफ नहीं किया? ” मेरी ना माफी से क्या होने वाला है जो समय गुजर गया वो तो वापिस आ नही सकता।” मैं सच कह रहा हूँ रश्मि। मैं तुमसे ही शादी करना चाहता था पर उस समय आर्थिक रूप से कमजोर था।” “जब कोई प्यार करता है तो उसे निभाता भी है। मैंने तो तुमसे शादी करने की ठान रखी थी। मैंने तो तुम्हारी आर्थिक स्थिति नही देखी थी। और अपनी चाची जी को बात करने के लिए तुम्हारे घर भी भेजा था परंतु तुम ही पीछे हट गए थे। और कुछ दिनों बाद तुमने ओर कही शादी कर ली थी। उसके बाद मेरे घरवालों ने मेरी शादी जहाँ की मैने स्वीकार कर लिया।” अब अशोक सोच रहा था कि वह रश्मि को कैसे समझाए कि जीवन सिर्फ प्यार से नही चलता। उसके लिए पैसों की जरूरत पडती है और बहुत पैसों की। ये बात सोचकर उसकी कम आय वाली रश्मि के माता पिता ने ऐतराज किया था। और जब उसने अपनी शादी की तो उसकी होने वाली बीवी और उसके माता पिता उसकी कम आय वाली नौकरी से खुश थे। वह गलत था या सही इस बात का फैसला नहीं कर पा रहा था।
अशोक छाबडा
19112017