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3 May 2024 · 1 min read

लाज़िम है

लाज़िम है ये भी
की लब चल रहे हो बरबस
पर बात कही भी न पहुंच पाती हो..
कान सुन नही रहे हो,
पर अभिनय करता चौखटा हो..
पटा हो मन द्वेष से,
पर दवाब चेहरे पर मुस्कुराने का हो..
दारोमदार सब पर भरम फैलाने का हो..
अनबोले खत और चिट्ठियां
जो अकसर गलत पता लिख कर भेज
दी जाती हैं,
तस्दीक करती हैं इस बात की बिना बोले भी
बाते पहुचाई जा सकती है सही जगह,
पर बोले हुए शब्द अक्सर
भटक जाते है संदर्भों से..
और हमेशा के लिए
दर्ज हो जाते है गलत पतों पर…!

©Priya

Language: Hindi
2 Likes · 76 Views
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