लाज़िम है
लाज़िम है ये भी
की लब चल रहे हो बरबस
पर बात कही भी न पहुंच पाती हो..
कान सुन नही रहे हो,
पर अभिनय करता चौखटा हो..
पटा हो मन द्वेष से,
पर दवाब चेहरे पर मुस्कुराने का हो..
दारोमदार सब पर भरम फैलाने का हो..
अनबोले खत और चिट्ठियां
जो अकसर गलत पता लिख कर भेज
दी जाती हैं,
तस्दीक करती हैं इस बात की बिना बोले भी
बाते पहुचाई जा सकती है सही जगह,
पर बोले हुए शब्द अक्सर
भटक जाते है संदर्भों से..
और हमेशा के लिए
दर्ज हो जाते है गलत पतों पर…!
©Priya