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16 Oct 2022 · 1 min read

गर लगे आग तुम बुझाना मत

गर लगे आग तुम बुझाना मत
***********************

गर लगे आग तुम बुझाना मत,
ढूंढता राह कुछ बताना मत।

वो खड़ा साथ सदा बन हमदम,
तुम कभी प्रेम को जताना मत।

सोच लो और देख सब कुछ,
वो अगर पास हो बुलाना मत।

हर समय भागता रहा खुद से,
आ रुका हार कर भगाना मत।

जो कहे आकर यार मनसीरत,
मैं जला हूँ बहुत जलाना मत।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
131 Views
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