गर जिन्दगी धुप सी खिल जाती तो कैसा होता
1.
गर जिन्दगी धूप सी खिल जाती तो कैसा होता
गर मिल जाती जिन्दगी की दो बूँदें तो कैसा होता
गर जिन्दगी सुबह की तरह खुशनुमा हो जाती तो कैसा होता
गर थोड़ी सी जिन्दगी की धूप मिल जाती तो कैसा होता
2.
गर मुझे भी दो पंख मिल जाते तो कैसा होता
जिन्दगी संगीत सा समां हो जाती तो कैसा होता
प्यासे को जिन्दगी की दो बूँद मिल जाती तो कैसा होता
मुझे भी एक चांद मिल जाता तो कैसा होता