गर कोई मिला होता ….
गर कोई मिला होता जिस पे दुनिया लुटा देते हम!
सबने हमें दगा दिया किस किस को भुला देते हम!
दिल के दर्द को कब से दबा कर रख रखा हैं हमने!
गर बयां करते तो भरी महफ़िल को रुला देते हम!
तन्हाईया भी परेशां हैं यूँ अकेला देख कर हम को!
गर होता बस में तो उन को फ़िर से बुला लेते हम!
याद आया कि मुहब्बत तो खुद आंधी की तरह हैं!
वरना मुहब्बत में तो जान दे कर भी दिखा देते हम!
करनी ही नहीं आयी मुहब्बत उनको कि कैसे करे!
होते पहलु में तो मुहब्बत करना भी सिखा देते हम!
?-AnoopS©
22nd Nov 2019