Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2016 · 1 min read

गर्मी

सूर्य दहकता आग सा है,
धरती जलती तवे सी!
इस गरमी के आगे,
फेल हुए कुलर -ए.सी!
दिन के तपन के बाद
जब संध्या बेला आई!
ठंडक तन में लिपट-लिपट,
लू की तपन बुझाई!
जब निशा समय गहराया,
हवा चली फिर धीमे -धीमे!
दूर से इस नील-गगन में
चमके तारे धीमे -धीमे!!

Language: Hindi
1 Comment · 703 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ
मां तुम्हारे प्यार को कैसे बयां करूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
" फ़ौजी"
Yogendra Chaturwedi
हारे मत ना हौसलों,
हारे मत ना हौसलों,
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
भाई दूज
भाई दूज
Santosh kumar Miri
सत्य जब तक
सत्य जब तक
Shweta Soni
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"तुम्हारी यादें"
Lohit Tamta
यूँ दर्दो तड़प लिए सीने में
यूँ दर्दो तड़प लिए सीने में
Mahesh Tiwari 'Ayan'
गुरु
गुरु
Dr Archana Gupta
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
Neeraj Agarwal
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
Neelam Sharma
शीर्षक – वो कुछ नहीं करती हैं
शीर्षक – वो कुछ नहीं करती हैं
Sonam Puneet Dubey
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
*दिल से*
*दिल से*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
I find solace in silence, though it's accompanied by sadness
I find solace in silence, though it's accompanied by sadness
पूर्वार्थ
शरद सुहानी
शरद सुहानी
C S Santoshi
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ
Akash Agam
പക്വത.
പക്വത.
Heera S
दिल से गुज़र के
दिल से गुज़र के
Dr fauzia Naseem shad
"कु-समय"
Dr. Kishan tandon kranti
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
पीड़ा का अनुमान
पीड़ा का अनुमान
RAMESH SHARMA
यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
श्रीकृष्ण शुक्ल
3118.*पूर्णिका*
3118.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...