Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2021 · 1 min read

गर्मी लगे सुहानी

ग्रीष्म ऋतु लेकर आई , हाय गर्मी लगे सुहानी ।
तपती धूप , जलते वन , धरती माता अकुलानी ,
वन वन प्राणी भटक रहे , ढूंढ रहे हैं पानी ।
नदी जलाशय सूख रहे , नहीं कुओं में पानी ।
कानन छोड़कर वनचर , गांव शहर की ठानी ।।
हाय गर्मी लगे सुहानी ।

अंधड़ चले , पेड़ गिर पड़े , लू के लग रहे थपेड़े ।
धूल भरी आंधी में मानव, चल रहे टेढ़े मेढ़े ।
इसी बीच इंद्रदेव ने , बरसाया बेमौसम पानी ।
कुछ देर ही सही , हां यह पवन चले मस्तानी ।
हाय गर्मी लगे सुहानी ।

दादी कहती भीषण गर्मी, बाँदर भौंके न चिड़िया चहके ।
वन में पीले फूलों वाले , अमलतास महके-महके ।
गांव शहर और बाग बगीचे गुलमोहर खिले मनमानी ।
बागों में गूंजे भंवरे , ओम् कोयल की कूक सुहानी ।
हाय गर्मी लगे सुहानी ।

ओम प्रकाश भारती ओम्

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सपने हो जाएंगे साकार
सपने हो जाएंगे साकार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
Surinder blackpen
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
मन मंदिर के कोने से
मन मंदिर के कोने से
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रिश्ता - दीपक नीलपदम्
रिश्ता - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
Ravi Ghayal
करुणा का भाव
करुणा का भाव
shekhar kharadi
कल्पना ही हसीन है,
कल्पना ही हसीन है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सकट चौथ की कथा
सकट चौथ की कथा
Ravi Prakash
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
Buddha Prakash
राहें भी होगी यूं ही,
राहें भी होगी यूं ही,
Satish Srijan
जिस कदर उम्र का आना जाना है
जिस कदर उम्र का आना जाना है
Harminder Kaur
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
सत्संग
सत्संग
पूर्वार्थ
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
अनूप अम्बर
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
गीत
गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
Vishal babu (vishu)
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सुकून"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
■ चाची 42प का उस्ताद।
■ चाची 42प का उस्ताद।
*Author प्रणय प्रभात*
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
DrLakshman Jha Parimal
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
खोजें समस्याओं का समाधान
खोजें समस्याओं का समाधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
Rj Anand Prajapati
कृष्ण प्रेम की परिभाषा हैं, प्रेम जगत का सार कृष्ण हैं।
कृष्ण प्रेम की परिभाषा हैं, प्रेम जगत का सार कृष्ण हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...