गर्मी वाली छुट्टियां
वैसे तो हम जीवन में ढेरों त्योहार मनाते हैं
पर एक ऐसा पर्व है जिसको सोचके ही मुस्काते है
आग बबूला सूरज से ये सब बच्चों को बचाता है
गर्मी की छुट्टी बड़ा सा छावदार छाता है ।
हापुस लंगड़ा चौसा केसर और मिले है दशहरी
आम के बिना कभी नहीं होती गर्मी की दुपहरी
ख़रे सोने की परख है जिनको वही बात ये जाने
गर्मी की छुट्टी का हर दिन पके अनार के दाने।
यूं तो है छुट्टी किंतु इसमें भी करनी पढ़ाई है
गुरुजनों को पता है हमको करनी बड़ी चढ़ाई है
इसीलिए वे गृहकार्य का देते आशीर्वाद है
मानो गर्मी छुट्टी का हमको मिला प्रशाद है ।
सही रूप से गर्मी की छुट्टी है स्वर्णिम अवसर
बात अगर हम समझ ले तो बन सकते है हम बेहतर
मौज मस्ती ख़ूब करो पर साथ में करो पढ़ाई
पठन-खेल का संतुलन ही होती है चतुराई।
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’