गर्मा गर्म चरचे
राजनीति के गर्मा गर्म चरचे
कौन जमाया कौन है खरचे
ईसकी धोती उसकी लँगोटी
धोते अंधभक्त व बहरे चमचे
खुद की न धोये औरो को तोले
अपनी छुपा बस दूजे की खोले
दाढ़ी टोपी लगा तिलक जनेऊ
राम नाम की जय जय ना बोले
जीवट कर्म धनी कार्यकर्ता
बाँटने लगे हर धर्म के परचे
ईसकी धोती उसकी लँगोटी
धोते अंधभक्त व बहरे चमचे
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित ०२/१२/२०२०)